23/December/2024

PRASHNAVACHAK प्रश्नवाचक

question has to be raised। 🎤। प्रश्न तो पूछना ही होगा

डॉ रजनीश कांत कैरोप्रैक्टर चिकित्सा विधा के माध्यम से दवा/ड्रग मुक्त चिकित्सा पद्धति की ओर अग्रसर -विशेष साक्षात्कार

PRASHNACACHAK Interview 21 March 2024

https://youtu.be/4l4mkaochNw?feature=shared

डॉक्टर रजनीश कांत काइरोप्रैक्टर अपने आपमें विशेष विद्या के धनी व्यक्तित्व हैं, जो कि मनुष्य के हड्डियों से संबंधित असंतुलन को संतुलित करके, बिगड़े हुए स्थिति को समाप्त करके सही स्थान पर हड्डियों को पुनः स्थापित करने या बिठाने की क्रिया करने वाले अनूठे और अनोखे व्यक्तित्व हैं। डॉक्टर रजनीश कांत बिना दवा के व्यक्ति को ठीक करने की क्रिया करते हैं। जिन लोगों को देह के किसी भी अंग में अथवा ज्यादातर रीड की हड्डियों में समस्या होती है या फिर सिर में दर्द हो रहा हो, हाथ पैर घुटने इत्यादि में दर्द हो, नाक की हड्डी टेढ़ी हो हाथों एवं पैरों की उंगलियां छोटी बड़ी हो इस प्रकार की सभी बिगड़ी हुई दैहिक स्थिति को ठीक करके उसे स्वस्थ जीवन प्रदान करने का मिशन उठाए हुए है डॉक्टर कांत। देश -विदेश से भारी संख्या में लोग उनकी सेवा का लाभ उठा रहे हैं और स्वस्थ होकर खुशी-खुशी धन्यवाद देते हुए अपने जीवन चक्र में पुनः गतिमान हो रहे हैं। डॉक्टर रजनीश कांत बताते हैं कि अचानक किसी भी प्रकार से भारी वजन या झुकने -मुडने-मरोड़ने के कारण हमारी कई अंगों के हड्डियों में प्रेशर पड़ता है और वह किसी न किसी प्रकार से प्रभावित हो जाते हैं, अपने स्थान से हट जाते हैं या हेयर हल्का हेयर क्रैक भी हो सकता है इस प्रकार से हड्डियों के अपने मूल स्थान से हटकर या किसी भी रूप में परिवर्तित होने पर उन हड्डियों के मध्य में जो शेल्स है, नस आदि होते है वह निरंतर दबाव का सामना करते हैं ब्लड प्रेशर की स्थिति में परिवर्तित हो जाती है और उन अंगों में व्यक्ति को पीड़ा अथवा वेदना का सामना करना पड़ता है और लंबे समय तक किसी भी प्रकार की पीड़ा -वेदना स्वास्थ्य को और भी गंभीर स्थिति में पहुंचा देते हैं। उन्हीं सब अकड़न एवं जकड़न का समाधान चिरौप्रैक्टर टेक्निक के माध्यम से डॉक्टर रजनीश कांत उन सभी हड्डियों को जॉइंट्स को क्रैक करके बिना दर्द एवं पीड़ा के पुनः स्थापित करते हैं और लोगों के जीवन को नई आशा और उत्तम स्वास्थ्य की रक्षा प्रदान करते हैं। डॉ रजनीश कांत बताते हैं कि इस प्रकार की विधा हमारे भारत की मूल एवं प्राचीन विद्या है किंतु कालांतर में इस विधा को साइंटिफिक ढंग से शैक्षणिक स्वरूप प्रदान नहीं किया गया और हम इस सुविधा से परे होते चले गए और तात्कालिक दर्द पीड़ा से मुक्ति प्राप्त करने के लिए ड्रग युक्त मेडिसिन का उपयोग करने लगे जिससे साइड इफेक्ट भी बढ़ती जा रही है तथा समस्या का निदान तात्कालिक होता है लेकिन समस्या लम्बे समय तक बनी ही रहती है इस प्रकार की समस्याओं से मुक्ति दिलाने के लिए डॉक्टर रजनीश कांत दवा मुक्त चिकित्सा का इस प्रकार से चिरौप्रैक्टर मेथड के माध्यम से चिकित्सा के क्रम को आगे बढ़ा रहे हैं। डॉ रजनीश कांत कहते हैं की रीड की हड्डियों का सही आकार स्वस्थ जीवन का आधार बताते हैं। डॉ रजनीश कांत भारत में बढ़ रहे रीड की हड्डियों की समस्या को लेकर चिंतित भी हैं और इस पर ज्यादा साइंटिफिक एवं प्रोफेशनल ढंग से कार्य करने की आवश्यकता पर बल दिया है तथा सरकार का भी आवाहन किया कि इस पर साइंटिफिक ढंग से शैक्षणिक संस्थाओं के माध्यम से युवाओं को इस मेथड की शिक्षा दी जानी चाहिए जिससे ड्रग-फ्री मेडिकल प्रोफेशन को भारत में बढ़ाया जा सके। डॉ रजनीश कांत इस कारण से भी चिंतित है कि उनके द्वारा किए जाने वाले विद्या का प्रयोग करके आधे अधूरे ज्ञान के माध्यम से लोगों को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर रहे हैं इस पर शासन प्रशासन को भी गंभीरता के चिंतन करते हुए नियंत्रण करना चाहिए ताकि सामान्य जन के जीवन से कोई खेल ना सके और उन्हें क्षति ना पहुंचाया जा सके। डॅा कांत भारत में अपने आप में अकेले व्यक्ति हैं जो इस प्रकार की विधा का पूर्ण ज्ञान प्राप्त किया हुआ है और सैकड़ों लोगों को स्वास्थ्य लाभ पहुंचाने वाले व्यक्तित्व हैं। इस क्षेत्र में इनके ज्ञान की लाभ को प्राप्त करने के लिए अनेको पीड़ित जन डॉक्टर कांत से संपर्क करने की इच्छा रखते हैं किंतु डॉक्टर कांत सभी को अथवा पूरे भारत भर के लोगों को इस प्रकार की सुविधा दे सकने में समय अभाव के कारण असमर्थता की स्थिति निर्मित होती रहती है इस कारण से इस प्रोफेशन में अधिक से अधिक लोग आएं और इस विधा का उपयोग करते हुए स्वस्थ भारत की संकल्पना करते हुए भारत के जन-जन के हित में सभी के स्वास्थ्य की रक्षा हो सके इन भावनाओं के साथ अपने कार्यक्रम को आगे बढ़ा रहे हैं।।Exclusive Interview with Dr Rajnish Kant